Tuesday, February 6, 2018

Parliament ( संसद, लोकसभा और राज्यसभा ) Indian Polity ( भारत के मूल संविधान )


संसद


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 व्याख्या है कि देश में एक संसद होगी जो राष्ट्रपति एवं दोनों सदनों लोकसभा
व राज्यसभा को मिलाकर बनेगी |

राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा तीनों का सम्मिलित स्वरूप संसद है |


संसद का गठन

संसद के तीन अंग होते हैं |
  1.  राष्ट्रपति - (कार्यपालिका का वैधानिक प्रमुख)
  2.  लोकसभा - (प्रथम सदन अथवा लोकप्रिय सदन)
  3.  राज्यसभा - (द्वितीय सदन अथवा उच्च सदन)


लोकसभा का गठन

लोकसभा जनता का प्रतिनिधित्व करने वाला सदन है, इसके सदस्य जनता द्वारा निर्वाचित होकर आते हैं इसलिए इसे लोकप्रिय सदन भी कहते हैं |


भारत के मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निश्चित की गई थी ,किंतु समय-समय पर विभिन्न संशोधनों द्वारा सदस्य संख्या में परिवर्तन किया जाता रहा है 31 वें संविधान संशोधन सन 1974 के अनुसार लोकसभा में अधिकतम सदस्य संख्या 547 की गई है, किंतु अब दमनदीप, गोवा पुनर्गठन अधिनियम 1987 निश्चित किया गया है, कि लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है | इसमें अधिकतम 530 सदस्य भारतीय संघराज्य अधिकतम 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित किए जाएंगे |



84 संविधान संशोधन के आधार पर लोकसभा की कुल सदस्य संख्या 2026 तक यथावत  रहेंगे|

लोकसभा का गठन :



  1. अध्यक्ष लोकसभा के सदस्य निर्वाचित होगा,
  2.  प्रत्येक 5 वर्ष के सदस्यों का निर्वाचन,
  3.  31 वें संविधान संशोधन द्वारा अधिकतम निर्धारित सदस्य संख्या 547 |


लोकसभा का कार्यकाल :


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 88 (2)  के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है ,किंतु इस अवधि के पूर्व केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा भंग की जा सकती है | आपातकाल की घोषणा होने पर अपने लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है|



लोकसभा की शक्तियां और कार्य

लोकसभा भारतीय संसद की तुलना में अधिक शक्तिशाली है |

निर्माण के संबंध में लोकसभा की शक्तियां अनन्य है | संविधान के अनुसार लोकसभा संघ सूची के सभी विषयों समवर्ती सूची पर कानून बनाती है ,तथा आवश्यकता पड़ने पर वह राज्य सूची के विभिन्न विषयों पर भी कानून बनाने बना सकती है |

वित्तीय शक्तियां अनुच्छेद 109  की व्यवस्था के अनुसार कोई भी धन विधेयक केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है|

केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई है ,केंद्रीय मंत्रिपरिषद भी तक अपने पद पर बनी रह सकती है | जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त हो दूसरे शब्दों में लोकसभा मंत्रिपरिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सकती है |

निर्वाचन शक्तियां लोकसभा के सदस्य राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन में भाग लेते हैं |

संविधान संशोधन संबंधी विधेयक लोकसभा पारित कर सकती है |

राज्यसभा

संविधान के अनुच्छेद 80  (1) के अनुसार राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है, जिसमें 238 सदस्य राज्य और शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा निर्वाचित किए जाएंगे और 12 सदस्य जो साहित्य विज्ञान क्लास का सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, वह राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं|







संविधान के अनुच्छेद 83(1 )के अनुसार यह एक स्थाई सदन होता है ,या कभी भी भग नहीं होता है | इस सदन के एक तिहाई सदस्य प्रति दूसरे वर्ष अवकाश ग्रहण करते हैं, उसके स्थान पर नए सदस्यों का निर्वाचन हो जाता है | प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है|


राष्ट्रपति
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा | राष्ट्रपति भारतीय संघ की कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान होता है, अर्थात राष्ट्रपति राज करता है शासन नहीं|



भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य संघ राज्य क्षेत्रों के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य सम्मिलित होंगे |

राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली एवं मतगणना एकल संक्रमणीय पद्धति के अनुसार होता है | राष्ट्रपति के चुनाव में विजय प्राप्त करने के लिए एक निश्चित संख्या में मत प्राप्त होने चाहिए ,जिसे निर्वाचन कोटा कहा जाता है |




You Can Also Follow me .....YouTube (MnM Studies)

Facebook page :-https://www.facebook.com/mnmstudies/

https://www.facebook.com/groups/32731...

Instagram :- https://www.instagram.com/mnm_studies/

No comments:

Post a Comment

मौर्य वंश Quick Short Notes on Maurya Vansh Aur Uske Vansaj Samrat Ashok Maurya Kaleen kala (Art) Aur Mudra vavastha (Monetary policy) For All One Day Examinations

चंद्रगुप्त मौर्य 322   BC 298 BC   : - यह पीपल वंश के   मोरीन सरदार   का पुत्र था ,   इसी कारण इसका नाम मौर्य वंश प...