त्रिरत्न :- मूलतः जैन धर्म से संबंधित है|
बौद्ध धर्म में दो त्रिरत्न है |
1 प्रज्ञा. सील, समाधि |
2 बुद्ध ,धम्म ,संघ |
बौद्ध में कुल 5 संगीतियां हुई हैं |
प्रथम बौद्ध संगीति में विनयपिटक लिखा गया है
चौथी बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म हीनयान और महायान में बट गया | महायान का सर्वाधिक विकास कुषाणों (कनिष्क ) के समय में हुआ है |
बौद्ध साहित्य :-
- विनयपिटक
- शुद्ध पिटक
- अभिधम्मपिटक
▪
यह मूलतः पाली भाषा में लिखे गए हैं ,धाम पत्र (पाली) इसे बौद्धों की गीता कहा जाता है|
▪
अभिधम्मपिटक संस्कृत भाषा में लिखा गया है |
▪
नागसेन की रचना ( मिलिंदपन्हो ) पाली भाषा में लिखी गई है
▪
बुद्धदेव ने पाली में विशुद्ध गम में लिखा है जिसे त्रिपिटक की कुंजी कहा जाता है
▪ बौद्ध धर्म ,महावस्तु, एवं ललित विस्तार संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं
▪
जातक कथाएं 549 यह भी पाली भाषा में लिखी गई है
▪
इसमें बोधिसत्व (दानी पुरुष) की कथाएं लिखे हैं
- कमल एवं हाथी जन्म का
- घोड़ा गृह त्याग महाभिनिष्क्रमण
- बोधि वृक्ष पीपल ज्ञान की प्राप्ति
- सर यवन
- शेर समृद्धि
- पदचिन्ह निर्वाण
- स्तूप मृत्यु
▪
देवदत्त गौतम के चचेरे भाई थे
▪
आम्रपाली वैशाली की नगरवधू थी
बौद्ध धर्म अनात्मवादी था, लेकिन कर्म एवं पुनर्जन्म पर विश्वास रखता था
।
No comments:
Post a Comment